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Friday 6 July 2012

पुहुप वास से पातरा, ऐसा तत्व अनूप ।

 (1)
बेशर्म
अपने अपने धर्म को -
मानते हैं सर्वश्रेष्ठ -
खुद नहीं पालन करते एक भी तत्व ।
पर झोंक देते हैं सर्वस्व--
दूसरे के धर्म को 
नीचा दिखाने में ।

(2)
कण कण में भगवान् ।
नहीं कण कण भी भगवान् ।
बू आती है साम्प्रदायिकता की ।
थू थू -



3 comments:

  1. गहन भाव लिए बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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  2. बेशर्म
    अपने अपने धर्म को -
    मानते हैं सर्वश्रेष्ठ -
    खुद नहीं पालन करते एक भी तत्व ।
    पर झोंक देते हैं
    दूसरे के धर्म को
    नीचा दिखाने में
    अपना सर्वस्व--

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